जो सिर पे हाथ है तेरा मै तुफां से नही डरता भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जो सिर पे हाथ है तेरा
मै तुफां से नही डरता।
तर्ज तेरी आँखों के दरिया का।
मेरी आँखो में आंसु को
तु आने ही नही देता
मै रोना भी जो चाहूँ तो
तु रोने भी नही देता
जो सिर पे हाथ है तेरा
मै तुफां से नही डरता
मै डरना भी जो चाहूँ तो
तु डरने भी नही देता
मेरी आँखो में आंसु को
तु आने ही नही देता।।


खुशी क्या होती है बाबा
ये तो हम भूल बैठे थे
तु रूठा हमसे शायद था
हमे सब लोग कहते थे
मगर अपना तु जिसको कहे
वो जहां की नही सुनता
वो सुनना भी जो चाहे तो
तु सुनने ही नही देता
मेरी आँखो में आंसु को
तु आने ही नही देता।।









तु पाले मुझको साँवरिया
जैसे कोई बाप बच्चे को
संभाले ऐसे साँवरिया
जैसे कोई दादा पौते को
उठाये अंगुली कैसे भला
जब तु मेरे साथ रहता है
उठाना भी जो चाहे तो
उठाने ही नही देता
मेरी आँखो में आंसु को
तु आने ही नही देता।।


तेरे दम से ही साँवरिया
मेरी हर सांस चलती है
तु करता माफ हर एक बार
होती जब मुझसे गलती है
बनूंगा मै बुरा कैसे
जो संग मे तु खडा मेरे
बुरा बनना भी चाहुं तो
तु बनने ही देता
मेरी आँखो में आंसु को
तु आने ही नही देता।।


मेरी आँखो में आंसु को
तु आने ही नही देता
मै रोना भी जो चाहूँ तो
तु रोने भी नही देता
जो सिर पे हाथ है तेरा
मै तुफां से नही डरता
मै डरना भी जो चाहूँ तो
तु डरने भी नही देता
मेरी आँखो में आंसु को
तु आने ही नही देता।।
गायक रामकुमार लख्खा
लेखक कन्हैया मित्तल
प्रेषक भारत कुमार।










jo sir par hath hai tera main tufa se nahi darta lyrics