जो आनंद संत फकीर करे वो आनंद ना ही अमीरी में लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जो आनंद संत फकीर करे
दोहा संत मिलन को जाईए
तज माया अभिमान
ज्यो ज्यो पग आगे धरे
कोटी यज्ञ समान।।
जो आनंद संत फकीर करे
वो आनंद ना ही अमीरी में
सुखदुख में समता साध रहे
कुछ खोफ ना ही जागीरी में
जो आनन्द संत फकीर करे
वो आनंद ना ही अमीरी में।।
हर रंग में सेवक रुप रहे
अमृत का जल ज्यु कुप रहे
सत कर्म करे और चुप रहे
भले ना छांव रहे या धुप रहे
निस्काम बने जग मे विसरे
रहे वो धीर गंभीरी में
जो आनन्द संत फकीर करे
वो आनंद ना ही अमीरी में।।
जग तारण कारण देह धरे
सतसेवा करे जग पाप हरे
जीग्नासु के घट मे ग्नान भरे
संतवाणी सदा मुख से उचरे
संडरीपुको बंसकर रंग मे रहे
रहे वो सदा शुरवीरी में
जो आनन्द संत फकीर करे
वो आनंद ना ही अमीरी में।।
सदबोध जगत मे आइ कहे
सत्य मारग को दिखलाइ कहे
गुरु ज्ञान से पद ये गाय कहे
सतार शब्द समजाइ कहे
मरजीवा बने सो मोज करे
रहे वो अलमस्त फकीरी में
जो आनन्द संत फकीर करे
वो आनंद ना ही अमीरी में।।
जो आनंद संत फकीर करें
वो आनंद ना ही अमीरी में
सुखदुख में समता साध रहे
कुछ खोफ ना ही जागीरी में
जो आनन्द संत फकीर करे
वो आनंद ना ही अमीरी में।।
jo anand sant fakir kare lyrics in hindi