जियो रे डोकरा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जियो रे डोकरा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
श्लोक भस्मी रमावत अंग शिवजी
थारी जटा में बह रही छे गंग
संग भूतन का टोला
पार्वती के पिये नीत भांग का घोला।


बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
जियो रे डोकरा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
पहाड़ो में माया थी मोड़ी
हां रे बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी।।


हिला चाहिजे थारे हिला मंगायदु
हिला मंगायदु मकरानी
बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
पहाड़ो में माया थी मोड़ी
हां रे बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी।।









चीलम पियो थारे गांजो मंगायदु
गांजो मंगायदु इंदौरी
बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
पहाड़ो में माया थी मोड़ी
हां रे बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी।।


भांग पियो थोरे भांग मंगायदु
भांग मंगायदु लटियाली
बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
पहाड़ो में माया थी मोड़ी
हां रे बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी।।


शिव शरणे पारवती बोलो
बाबा री गुण मैं जानी
बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
पहाड़ो में माया थी मोड़ी
हां रे बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी।।


बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
जियो रे डोकरा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी रे
पहाड़ो में माया थी मोड़ी
हां रे बाबा निर्वाणी रे बाबा निर्वाणी।।


श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित
सम्पर्क 91 9096558244










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