जिवड़ो मारो सतगुरु भेंट दियो सिद्धनाथ जी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन
जिवड़ो मारो सतगुरु भेंट दियो
जनम जनम को भुजयौडो दीपक
अड़ते ही जोत दियो।।
ड़ांकण ड़ांक दियो भरम
माया जासू जीव भयो
भेद भरम सु जीव बण
दाता दास कयो
जीवडो मारो सतगुरु भेट दियो।।
मल विषेभ आवरण माई
सुखदुख जन्म लियो
सतगुरु सेन कृपा कर दिनी
सुतो ही जाग गयो
जीवडो मारो सतगुरु भेट दियो।।
देह नहीं है कोहम कोहम
तव पद शोध कियों
दया धयाम छोड़ अमी पद
सोहम घुटक पीओ
जीवडो मारो सतगुरु भेट दियो।।
शांत शिव अवधेत अखंडी
अनुभव आप आयो
सिद्धनाथ भूमा अपरोक्षा
जीवत मुक्त भयो
जीवडो मारो सतगुरु भेट दियो।।
जिवड़ो मारो सतगुरु भेंट दियो
जनम जनम को भुजयौडो दीपक
अड़ते ही जोत दियो।।
लेखक सिद्धनाथ जी महाराज।
ग्राम बीर अजमेर।
प्रेषक शिष्य सेवा नाथ मुहामी।
श्रीनाथ स्टूडियो मुहामी।
9950387340
jivado mharo satguru bhent diyo lyrics