जिसको कहता है मोहन ये सारा जहाँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जिसको कहता है मोहन
ये सारा जहाँ
हाँ ये सारा जहाँ
ये बतादो कही तुम
वही तो नही
वही तो नही
जिसको कहता है मोहन।।
तर्ज जिसके सपने हमें रोज़।
शबरी की झोपड़ी मे जो आज कभी
बैर शबरी ने जिनको खिलाए कभी
जिनके कैवट ने२
पैयाँ पखारे कभी
ये बतादो कही तुम
वही तो नही
वही तो नही
जिसको कहता है मोहन।।
गोपियो को सताया था जिसने कभी
कपड़े उनके चुराए थे जिसने कभी
गोपियो ने२
नचाया जिसे रात दिन
ये बतादो कही तुम
वही तो नही
वही तो नही
जिसको कहता है मोहन।।
उँगली पर जिसने गिरीवर उठाया कभी
सारथी जो बने अर्जुन के कभी
जिसकी मुरली२
ने सबको रिझाया कभी
ये बतादो कही तुम
वही तो नही
वही तो नही
जिसको कहता है मोहन।।
जिसको कहता है मोहन
ये सारा जहाँ
हाँ ये सारा जहाँ
ये बतादो कही तुम
वही तो नही
वही तो नही
जिसको कहता है मोहन।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
श्री शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
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jisko kahta hai mohan ye sara jahan lyrics