जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है
उसकी चौखट के हम तो सेवादार है
ये श्याम से प्रीत लगाने का उपहार है
सेवादार है हम सेवादार है
जिसकी चौंखट पे झुकता ये संसार है
उसकी चौखट के हम तो सेवादार है।।
तर्ज कब तक चुप बैठे।
जो दिन दुखी होते है
उनके दुःख दूर है करता
जो खाली झोली लाए
उनके भंडारे भरता
लख लख कर देता ऐसा लखदातार है
सेवादार है हम सेवादार है
जिसकी चौंखट पे झुकता ये संसार है
उसकी चौखट के हम तो सेवादार है।।
कोई प्रेमी इनका हमको
जब भी कही मिल जाता
इक अंजाना प्यारा सा
रिश्ता उनसे बन जाता
अपनों से बढ़कर मिलता उनसे प्यार है
सेवादार है हम सेवादार है
जिसकी चौंखट पे झुकता ये संसार है
उसकी चौखट के हम तो सेवादार है।।
ये एक ही सच्चा द्वारा
आलूसिंह जी ने बताया
जो सच्चे मन से ध्यावे
उसे बाबा से मिलवाया
कहे श्याम किया था घर घर में प्रचार है
सेवादार है हम सेवादार है
जिसकी चौंखट पे झुकता ये संसार है
उसकी चौखट के हम तो सेवादार है।।
जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है
उसकी चौखट के हम तो सेवादार है
ये श्याम से प्रीत लगाने का उपहार है
सेवादार है हम सेवादार है
जिसकी चौंखट पे झुकता ये संसार है
उसकी चौखट के हम तो सेवादार है।।
jiski chokhat pe jhukta ye sansar hai lyrics