जिसके सर पे तेरा हाथ हो माँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जिसके सर पे तेरा हाथ हो माँ
उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना
देने वाली तू ही एक दाती
कबसे तरसे है ये भी दो नैना
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ
उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना।।
तर्ज इतनी शक्ति हमें देना दाता।


तन भी तेरा है मन भी तेरा माँ
तेरा तुझपे किया मैंने अर्पण
चार दिन की है जो जिंदगानी
है ये जीवन तुझी पे समर्पण
डोर कच्ची है जीवन की मेरी
माँ पकड़ लो करो अब ना देरी
देने वाली तू ही एक दाती
कबसे तरसे है ये भी दो नैना
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ
उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना।।


देर ना कर कहीं बुझ ना जाए
मेरे ह्रदय का दीपक कहीं माँ
आस है तुझसे ओ ज्योतावाली
दर्श के बिन बुझे ना ये नैना
वंचित ना कर ममता से
दम रोते हुए निकले ना
देने वाली तू ही एक दाती
कबसे तरसे है ये भी दो नैना
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ
उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना।।









छल कपट माँ मैं कुछ भी ना चाहूँ
ना ही चाहूँ मैं महलों में रहना
सर झुके तो तेरे दर के आगे
और दर इसको झुकने ना देना
पावन हो ना पाएगा जीवन
गर तेरा साथ सुनील संग हो ना
देने वाली तू ही एक दाती
कबसे तरसे है ये भी दो नैना
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ
उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना।।


जिसके सर पे तेरा हाथ हो माँ
उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना
देने वाली तू ही एक दाती
कबसे तरसे है ये भी दो नैना
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ
उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना।।




10








jiske sar pe tera hath ho maa lyrics