जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु
बनडा बनकर मुस्काता है
खुशियां उस और बरसती है
ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैंठ श्री श्याम प्रभु।।
जय श्याम जय श्याम
जय श्याम जय जय श्याम।
तर्ज है प्रीत जहाँ की रीत सदा।
आँखों में प्रेम के आंसू है
होंठो पे श्याम गुणगान लिए
दिल में एक दर्द है मीठा सा
चेहरे पे अजब पहचान लिए
सुमिरन करता है आठों पहर
बस श्याम नाम ही भाता है
खुशियां उस और बरसती है
ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैंठ श्री श्याम प्रभु।।
मेरे श्याम से जिनके नैन मिले
बैचेन वो दिल दीवाना है
वो श्याम श्याम बस रटता है
गाता बस यही तराना है
वो गली और शहर शहर
मेरे श्याम की अलख जगाता है
खुशियां उस और बरसती है
ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैंठ श्री श्याम प्रभु।।
जय श्याम जय श्याम
जय श्याम जय जय श्याम।
गुणगान यात्रा गुण गाती
मन श्याम लगन मतवाली है
रूकती ना कहीं चलती जाए
दिल श्याम की ज्योत जला ली है
दुःख में भी सुख का अनुभव हो
बेधड़क ये बात बताता है
खुशियां उस और बरसती है
ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैंठ श्री श्याम प्रभु।।
जय श्याम जय श्याम
जय श्याम जय जय श्याम।
जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु
बनडा बनकर मुस्काता है
खुशियां उस और बरसती है
ये जिधर जिधर भी जाता है
जिस रथ पे बैंठ श्री श्याम प्रभु।।
jis rath pe baith shri shyam prabhu lyrics