जिस घर में होता पत्नी का सम्मान है गीत लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जिस घर में होता
पत्नी का सम्मान है
उस घर की देखो
अजब अनोखी शान है
जिस घर में पत्नी
लक्ष्मी के समान है
हाँ समान है घर की शान है
जिस घर मे होता
पत्नी का सम्मान है
उस घर की देखो
अजब अनोखी शान है।।
तर्ज कब तक चुप बैठे।


मात पिता परिवार
सब छोड़के जब ये आती
ससुराल में आकर के
हर रिस्तो को ये निभाती
सुख दुख में ये
परिवार का रखती ध्यान है
हाँ ध्यान है घर की शान है
जिस घर मे होता
पत्नी का सम्मान है
उस घर की देखो
अजब अनोखी शान है।।


हर गम को दिल मे छुपाकर
चेहरे पे रखे मुस्कान
पत्नी हर फर्ज निभाये
परिवार को अपना मान
वफ़ा की है ये मूरत
घर की जान है
हाँ जान है घर की शान है
जिस घर मे होता
पत्नी का सम्मान है
उस घर की देखो
अजब अनोखी शान है।।









ये डोली चढ़कर आती
जब होके विदा पीहर से
फिर अर्थी में ही जाती
अपने पति के घर से
होके समर्पित छोड़ती दिलबर
प्राण है हाँ प्राण है ये महान है
जिस घर मे होता
पत्नी का सम्मान है
उस घर की देखो
अजब अनोखी शान है।।


जिस घर में होता
पत्नी का सम्मान है
उस घर की देखो
अजब अनोखी शान है
जिस घर में पत्नी
लक्ष्मी के समान है
हाँ समान है घर की शान है
जिस घर मे होता
पत्नी का सम्मान है
उस घर की देखो
अजब अनोखी शान है।।
लेखक गायक एवं प्रेषक
दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर
91 8770599488










jis ghar me hota patni ka samman hai lyrics