जिनके सिर पर हाथ हो इनका क्या बिगाड़े काल लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जिनके सिर पर हाथ हो इनका
क्या बिगाड़े काल
छोड़ जगत के फंदे बन्दे
भज ले बस महाकाल
महाकाल महाकाल महाकाल।।
तेरी सारी चिंताओं को
हर लेंगे त्रिपुरारी
खुशियों से दामन भर देंगे
शिव भोले भंडारी
सौप दे शिव चरणों में जीवन
यही पिता यही मात
सबसे आली चौखट इनकी
जगत पसारे हाथ
महाकाल महाकाल महाकाल।।
उज्जैनी क्षिप्रा के तट पर
भोले भस्म रमाए
नगर भ्रमण पर निकले ठाठ से
जब जब श्रावण आए
हम पर भी किरपा की नज़र
हो चिंतामन के तात
खुल जायेगे भाग्य हमारे
रखो जो सिर पर हाथ
महाकाल महाकाल महाकाल।।
व्यास हरि जो भजे भाव से
महाकाल मिल जाए
जिनकी नौका इनके भरोसे
भव सिंधु तर जाए
जाऊं कहा तजी शरण तिहारी
यही मेरा घर बार
मन इच्छा मरघट बस जाऊं
शिव भोले के साथ
महाकाल महाकाल महाकाल।।
जिनके सिर पर हाथ हो इनका
क्या बिगाड़े काल
छोड़ जगत के फंदे बन्दे
भज ले बस महाकाल
महाकाल महाकाल महाकाल।।
लेखकगायक महंत हरि भैया।
गादीपति निज मंदिर
श्री खाटूश्याम जी उज्जैन।
8819921122
jinke sir par hath ho inka mahakal bhajan lyrics