जिनके होंठों पे मुरली रहे रात दिन कृष्ण भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जिनके होंठों पे मुरली
रहे रात दिन
रहे रात दिन
बस वहीं मुरलीवाला
हमें चाहिए हाँ हमें चाहिए
मोर पंखों का सर पर
सुनहरा मुकुट हाँ सुनहरा मुकुट
बस वहीं ब्रज का ग्वाला
हमें चाहिए हाँ हमें चाहिए।।


कोप ब्रज में किया
इंद्र ने जिस घड़ी
मूसलाधार बरसात होने लगी
नख से गिरवर उठाकर बचाया हमें
हाँ बचाया हमें
बस वहीं गिरधारी हमे चाहिए
हाँ हमे चाहिए।।


हार बैठे जुआ में जब पांचो पति
आस तुमसे लगाकर रो रही द्रोपती
लाज लाखो की आकर बचाता रहा
हाँ बचाता रहा
बस वहीं मुरलीवाला हमे चाहिए
हाँ हमे चाहिए।।


ज़हर का प्याला
मीरा जब पीने लगी
राजा राणा से मीरा यूँ कहने लगी
जिसको अमृत बना कर
पिलाया प्रभु हाँ पिलाया प्रभु
बस वहीं कमलीवाला हमे चाहिए
हाँ हमे चाहिए।।









जिनके होंठों पे मुरली
रहे रात दिन
रहे रात दिन
बस वहीं मुरलीवाला
हमें चाहिए हाँ हमें चाहिए
मोर पंखों का सर पर
सुनहरा मुकुट हाँ सुनहरा मुकुट
बस वहीं ब्रज का ग्वाला
हमें चाहिए हाँ हमें चाहिए।।
प्रेषक वीरेंद्र सिंह कुशवाहा
8770536167










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