झूठी काया में डोले झूठी माया में डोले भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
झूठी काया में डोले
झूठी माया में डोले
काहे माने ना जिया
काहे माने ना जिया।।
ये तो पांच तत्व की काया
इसको क्यो तूने अपनाया
बार अनेको धोखा खाया
कैसे कुमति किया
काहे माने ना जिया
काहे माने ना जिया।।
अपना रूप समझ नही पाता
उससे भारी कष्ट उठाता
बारम्बार नरक में जाता
नाम हरि का ना लिया
काहे माने ना जिया
काहे माने ना जिया।।
गुरु की शरण वेग हो जाओ
उनके चरनन शीश नवाओ
आवागमन की डोर कटावों
कैसी सिख दिया
काहे माने ना जिया
काहे माने ना जिया।।
कर दई सतगुरु ने दाया
अपना रूप समझ में आया
ईश्वर जीव का भेद मिटाया
प्याला ज्ञान का पिया
काहे माने ना जिया
काहे माने ना जिया।।
झूठी काया में डोले
झूठी माया में डोले
काहे माने ना जिया
काहे माने ना जिया।।
गायक प्रेषक आचार्य उपेंद्र कृष्ण जी महाराज।
9416759618
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