झूला पड्यो है कदम्ब की डार लिरिक्स - jhula padyo hai kadamb ki daar lyrics
झूला पड्यो है कदम्ब की डार
झुलावे ब्रज नारी
ब्रज नारी रे ब्रज नारी
ब्रज नारी सखियाँ सारी
झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार
झुलावे ब्रज नारी।।
रेशम की सखी डोरी पड़ी है
मोतियन से कैसी पटरी जड़ी है
वा में बैठे युगल सरकार
झुलावे ब्रज नारी
झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार
झुलावे ब्रज नारी।।
मधुर मधुर श्याम बंसी बजावत
बंसी बजावत रस बरसावत
नन्ही नन्ही पड़त है फुहार
झुलावे ब्रज नारी
झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार
झुलावे ब्रज नारी।।
श्याम राधिका झूला झूले
गोपी ग्वाल देखे फुले
सब गावत है मल्हार
झुलावे ब्रज नारी
झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार
झुलावे ब्रज नारी।।
झूला पड्यो है कदम्ब की डार
झुलावे ब्रज नारी
ब्रज नारी रे ब्रज नारी
ब्रज नारी सखियाँ सारी
झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार
झुलावे ब्रज नारी।।
स्वर बाबा श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
jhula padyo hai kadamb ki daar lyrics