जीणी जीणी उड़े रे गुलाल नाथजी रा मेला में - MadhurBhajans मधुर भजन










जीणी जीणी उड़े रे गुलाल
नाथजी रा मेला में
अरे जीणी जीणी उडे रे गुलाल
पीरजी रे मेला में
मेला मे हो मेला मे
मेला मे हो मेला में
नाथजी रो करो श्रृंगार
पीरजी रा मेला मे
जीणी जीणी उडे रे गुलाल
नाथजी रे मेला में।।


पंचामृत सु अभिषेक करावो
पंचामृत सु अभिषेक करावो
रंग रंगीला वस्त्र पहनावो
रंग रंगीला वस्त्र पहनावो
गले पहनाओ फुल माल
नाथजी रे मेला में
मेला में हो मेला में
जीणी जीणी उडे रे गुलाल
नाथजी रे मेला में।।


सोवन मुकट सिर पर बंधावो
हाथा पर भुजबंध बंधावो
तिलक लगावो ज्योरे भाल
नाथजी रे मेला में
मेला में हो मेला में
जीणी जीणी उडे रे गुलाल
नाथजी रे मेला में।।


राज सुरजी लेप लगावो
काना मे कुण्डल पेरावो
त्रिशूल देरावो ज्योरे हाथ
नाथजी रे मेला में
मेला में हो मेला में
जीणी जीणी उडे रे गुलाल
नाथजी रे मेला में।।









शिवलिंग पे थे नाग चढावो
बिल पतर सु सिणगार करावो
गुलाल उडावो भरपुर
नाथजी रे मेला में
मेला में हो मेला में
जीणी जीणी उडे रे गुलाल
नाथजी रे मेला में।।


धुप दीप सु आरती करावो
सब मिलकर प्रेम से गावो
गावे है भक्त किशोर
पीरजी रा मेला मे
जीणी जीणी उडे रे गुलाल
नाथजी रे मेला में।।


जीणी जीणी उड़े रे गुलाल
नाथजी रा मेला में
अरे जीणी जीणी उडे रे गुलाल
पीरजी रे मेला में
मेला मे हो मेला मे
मेला मे हो मेला में
नाथजी रो करो श्रृंगार
पीरजी रा मेला मे
जीणी जीणी उडे रे गुलाल
नाथजी रे मेला में।।
प्रेषक मदनसिंह जोरावत बागरा
9916300738









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