झीणी झीणी उड़े रे गुलाल चारभुजा रा मंदिर में लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










झीणी झीणी उड़े रे गुलाल
चारभुजा रा मंदिर में
झीणी झीणी उडे रे गुलाल
छोगाला रा मन्दिर में।।


राम रेवाड़ी निकले प्यारी
जिण में नाचे नर और नारी
छोगाला ने रिझाय
चारभुजा रा मंदिर में
झीणी झीणी उडे रे गुलाल
चारभुजा रा मन्दिर में।।


चारभुजा री छवि है प्यारी
छोगाला री मूरत प्यारी
दर्शन पावे थारा नर और नारी
देख्या ही बण आय
चारभुजा रा मंदिर में
झीणी झीणी उडे रे गुलाल
चारभुजा रा मन्दिर में।।


रंग गुलाल उड़ावे भारी
शरणे आवे नर और नारी
सावरिया ने रिझाय
चारभुजा रा मंदिर में
झीणी झीणी उडे रे गुलाल
चारभुजा रा मन्दिर में।।









आगे आगे चाले बैंड बाजा
छोगालो बैठो मूरत सजा
मन मारो गणो हरषाय
चारभुजा रा मंदिर में
झीणी झीणी उडे रे गुलाल
चारभुजा रा मन्दिर में।।


ईण बिन्दोली में कूण कुणी नाचे
भेरुखेड़ा रा सब हिलमिल नाचे
नरेश भजन सुणाय
चारभुजा रा मंदिर में
झीणी झीणी उडे रे गुलाल
चारभुजा रा मन्दिर में।।


झीणी झीणी उड़े रे गुलाल
चारभुजा रा मंदिर में
झीणी झीणी उडे रे गुलाल
छोगाला रा मन्दिर में।।
गायक नरेश प्रजापति।
प्रेषक रोशन कुमावत।
भेरुखेड़ा 8770943301










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