जीवन में जो भी पा ना सका तेरे दर से पा लिया लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जीवन में जो भी पा ना सका
तेरे दर से पा लिया
भटके हुए दास को
अपना बना लिया
जीवन मे जो भी पा न सका
तेरे दर से पा लिया।।
तर्ज मांगा है मैंने श्याम से।


खुशहाली भरी जिंदगी
तूंफा में फंस गई
ऐसे भंवर में घिर गया
जीवन बिखर गया
फिर जब पुकारा श्याम को
जीवन सजा दिया।
जीवन मे जो भी पा न सका
तेरे दर से पा लिया।।


मंजिल को कदम छूने की
चाहत में बढ़ चला
विपदा ने घेरा राहों में
गर्दिश से जा मिला
चरणा में पहुंचा श्याम के
सीने लगा लिया।
जीवन मे जो भी पा न सका
तेरे दर से पा लिया।।









दिल को जख्म ऐसे मिले
टुकड़ों में बंट गया
जब आंच आई लाज पे
सुध बुध को खो गया
लाचारी देख दास की
बांहों में भर लिया।
जीवन मे जो भी पा न सका
तेरे दर से पा लिया।।


कुछ भी छिपा नहीं है
खाटू के श्याम से
दयालु है मेरा सांवरा
मिलता है चाव से
अपनों से ये गैरों से
रिश्ता निभा लिया।
जीवन मे जो भी पा न सका
तेरे दर से पा लिया।।


जीवन में जो भी पा ना सका
तेरे दर से पा लिया
भटके हुए दास को
अपना बना लिया
जीवन मे जो भी पा न सका
तेरे दर से पा लिया।।
लेखक एवं प्रेषक
विनोद जी सिंघल दिल्ली
8851069337
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jeevan me jo bhi pa na saka tere dar pe pa liya lyrics