जीवन चार दिनों का मेला भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जीवन चार दिनों का मेला
साथी सखा कोई चले ना
माया भी तेरे साथ रहे ना
उड़ जाए हँस अकेला
जीवन चार दिनो का मेला।।
तर्ज मेरा परदेसी ना आया।
क्यों कहता है मेरी मेरी
ये माया ना तेरी ओ
माटी में मिल जाए एक दिन
हो जाए राख की ढेरी
हाथ पसारे जायेगा तु
साथ ना जाए धेला
जीवन चार दिनो का मेला।।
मोह माया के सब हैं फंदे
मात पिता सुत नारी ओ
दो गज कफन भी साथ ना जाए
काया नगन उघारी
चिडिया वाला रेन बसेरा
जीवन व्यर्थ झमेला
जीवन चार दिनो का मेला।।
घर ये किराये का तुझे एक दिन
करना पडेगा खाली ओ
चाहे जितने जतन तू करले
मौत टले ना टाली
ऐसा इंसा कौन यहाँ पर
जिसने दुख ना झेला
जीवन चार दिनो का मेला।।
पुण्य पाप मुक्ति का मारग
कहते बसई वाले
गुरु कैलाशी कहते जीतू
गुण कान्हा के गाले ओ
गुरु बाबू बड उज्ज्वल ने तो
खेल है ऐसा खेला
जीवन चार दिनो का मेला।।
जीवन चार दिनों का मेला
साथी सखा कोई चले ना
माया भी तेरे साथ रहे ना
उड़ जाए हँस अकेला
जीवन चार दिनो का मेला।।
ये भी देखे जीवन तो भैया एक रेल है।
लेखक जीतू योगी।
9653865703
jeevan char dino ka mela lyrics