जय महावीर मेवाड़ धरा महाराणा पन्नाधाय गाथा - MadhurBhajans मधुर भजन










जय महावीर मेवाड़ धरा महाराणा
एकलिंग दिवान थाने
शत् शत् प्रणाम थाने
प्रण लिया वारया नित प्राण रे
जय महावीर मेवाड धरा महाराणा।।


आडावल ऊंचो अडखीलो
ऊंचो गढ चितौड़ रे
आडावल ऊंचो अडखीलो
ऊंचो गढ चितौड़ रे
मगरा मगरा पर्वत पर्वत
धूंजे घोडा पौड रे
घाटी घाटी के घट गाथा
गूंज रयो गुण गान रे
चित्त मंडिया चित्तराम चितारे
हर पत्थर चट्टान रे
पग पग प्रणाम रे
वीरा री खान है रे
शूरापण ज्यारी जूनी शान है
जय महावीर मेवाड धरा महाराणा।।


प्रजा रा दुख पीडा देखन
गश्त लगाता भूप रे
प्रजा रा दुख पीडा देखन
गश्त लगाता भूप रे
गाँव नगर री गलिया घूमत
नित नव धरता रूप रे
करता काम हमेशा निशदिन
झुंज्या महा संग्राम रे
महाराणा कुम्भा रा कुंवर
सांगा श्री संग्राम रे
प्रजा प्रतिपाल हा रे
दुशमीरा काल हा रे
दुर्बल दुखीया रा राणा दास रे
जय महावीर मेवाड धरा महाराणा।।


घर आया माँ जाया जेडा
जुनी आदु रीत रे
घर आया माँ जाया जेडा
जुनी आदु रीत रे
परमेश्वर ज्यु जाण पावणा
पाले पूरी प्रीत रे
सैनिक रूप मे राणा सांगा
रूके गुर्जर घर रात री
गाया को घी पुरस घाट मे
करी गुजरी खातरी
हिवडे मे पीडा जागी
नैणा जल सीर आ गई
कारण पूछे महाराण रे
जय महावीर मेवाड धरा महाराणा।।









बीर नही म्हारे पीर बटोहि
बाई पन्ना को ब्याव है
बीर नही म्हारे पीर बटोहि
बाई पन्ना को ब्याव है
पाट उतारे कुणसो मामो
मन मे चुनडी री आस है
पति पिता और माँ रा जाया
आया युद्ध रे काम रे
भात भरावे कुणसो बीरो
चित्त नाचे चितराम रे
उलझी रहू उलझन में
मनकी रे जावे नी मन मे
कुणसो कानुडो सुणे कान रे
जय महावीर मेवाड धरा महाराणा।।


दोहा अबला री अरदास ने
राणा सुनली कानो कान
भात भरण पन्ना ब्याव मे
एतो चाल्या रे मेवाडी राण।


धर्म धुरी मेवाड़ धणी नित
धरे धरा से ध्यान रे
धर्म धुरी मेवाड़ धणी नित
धरे धरा से ध्यान रे
भरण मायरो आज बहन के
चाल्या मेवाडी राण रे
सज धजीया संग्राम सिंहजी
गाजा बाजा साथ रे
पीटी पाट उतार पन्ना ने
भरीयो बाई रे भात रे
प्रजा नित सांगा मे पाया
जन जन के मन मे भाया
पूर्ण प्रजा का राणा प्राण रे
जय महावीर मेवाड धरा महाराणा।।


महाराणा मेवाड़ धरा री
राखे मूछ मरोड रे
महाराणा मेवाड़ धरा री
राखे मूछ मरोड रे
जुगबाला री आज जगत मे
हुई न होवे होड रे
सिसोदिया सिरदार शूरमा
सगला मे सिरमौर रे
चार खूट मे चावो जुग जुग
रयो गढ चितौड़ रे
प्रजा प्रसंग मे रे
आलस नी अंग में रे
कोई कसर नही काण रे
जय महावीर मेवाड धरा महाराणा।।


जय महावीर मेवाड़ धरा महाराणा
एकलिंग दिवान थाने
शत् शत् प्रणाम थाने
प्रण लिया वारया नित प्राण रे
जय महावीर मेवाड धरा महाराणा।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818










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