जय जय हे गणपति तुम्हारी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जय जय हे गणपति तुम्हारी
तीनों लोक में सबसे पहले
होती पूजा तुम्हारी
जय जय हें गणपति तुम्हारी।।
तुम रिद्धि सिद्धि के दाता
तुम्हीं सबके भाग्य विधाता
तुम देवों के देव हो दाता
अद्भुत महिमा तुम्हारी
जय जय हें गणपति तुम्हारी।।
लड्डू का प्रिय भोग तुम्हारा
वाहन मूषक का अति प्यारा
जो भी आता शरण तुम्हारी
पाए कृपा तुम्हारी
जय जय हें गणपति तुम्हारी।।
लालन का सुख वांझन पाए
अंधा नैनों का सुख पाए
सेवक शिव चरणों का दाता
चाहे सेवा तुम्हारी
जय जय हें गणपति तुम्हारी।।
जय जय हे गणपति तुम्हारी
तीनों लोक में सबसे पहले
होती पूजा तुम्हारी
जय जय हें गणपति तुम्हारी।।
लेखक प्रेषक शिव नारायण जी वर्मा।
संपर्क 7987402880
jay jay hey ganpati tumhari bhajan lyrics