जय जय गणराज मनाऊँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जय जय गणराज मनाऊँ
चरणों में शीश नवाऊं
जब तक सांसे हैं तन में
तेरा ही ध्यान लगाऊं
गजानन्द जी हमारे घर आओ
बुलाते है चले आओ।।
तर्ज ये बंधन तो।


बड़े भाग हमारे बाबा
जो शुभ दिन ये आया है
बैठे है तुम्हारे दर पर
प्रभु तेरी ही माया है
हमने प्रभु आस लगाई
चंदन चौकी बिछवाई
रूखे सूखे फल मेवा
निज मन की ज्योत जलाई
गजानन्द जी हमारे घर आओ
बुलाते है चले आओ।।


देवो के महाराजा
तुम जल्दी से आ जाना
रिद्धि सिद्धि संग बाबा
शिव गौरा को ले आना
ब्रह्मा विष्णु को लाना
संग रामसिया को लाना
राधे कृष्णा गोकुल से
हनुमान को भी बुलवाना
गजानन्द जी हमारे घर आओ
बुलाते है चले आओ।।









शुभ अवसर आंगन में
सब विघ्न हरो हे देवा
आकर मंगल कर दो
हम करते तेरी सेवा
जो भी आशा है मन में
आकर पूरी अब कर दो
खोया है मुकेश भजन में
उसकी पीड़ा सब हर दो
गजानन्द जी हमारे घर आओ
बुलाते है चले आओ।।


जय जय गणराज मनाऊँ
चरणों में शीश नवाऊं
जब तक सांसे हैं तन में
तेरा ही ध्यान लगाऊं
गजानन्द जी हमारे घर आओ
बुलाते है चले आओ।।
गायक मुकेश कुमार जी।










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