जय हो थारी गुरूवर मोहनपुरी जी महाराज भजन - MadhurBhajans मधुर भजन
जय हो थारी गुरूवर
प्रथम मनाऊं थाने रे सुण्ड सुण्डला
हो देवा दुंद दुन्दाला हो देवा
गणपत महाराजा रे हो ओ
हा रे रिद्धि सिद्धी रा दाता हो राम
मै तो मोहनपुरीजी री महिमा
मुख सु गावु हो राम
आवोजी आवो सरस्वत माँ
कंठ बिराजो मैया
आखर देवो मैया ज्ञान दिरावो रे हो ओ
हा सरस्वत ध्यान लगावु हो माँ
मै तो कथा सुनाऊ
सिद्ध शूरा ओर सतीया री आज
जय हों थारी गुरूवर
जय हो थारी गुरूवर
जय हो थारी थारी थारी थारी गुरूवर।।
चुतरारामजी रे बालक भयो ओर
नाम दिरायो है मोहन
नाम दिरायो है मोहन
नाम दिरायो रे हो ओ
हा रे मोहन नाम दिरायो ओ राम
जोशी केवे आंगन शिव है आया ओ राम
रोवे घणो है बालक वेद बुलाया रे
झाडा दिराया रे जतन कराया हो ओ
थारे घणा जतन कराया हो राम
जद धर्म पुरीजी रे धुणी बालक लाया हो राम।।
धुणी लाया है बालक चुप हो जावे रे
शांत हो जावे रे मग्न हो जावे रे हो
ओ संता रो मन रम जावे ओ राम
अब धर्म पुरीजी रे चरणे
अर्पण कर जावे हो राम
पाँच वर्ष री उमर माता लाड लडावे रे
कोड करावे रे खेल खेलावे रे हो ओ
माता हेता हुलरावे ओ राम
अरे बालपना मे धर्म पुरीजी ने भेंटे हो राम।।
बालपना सु मनडो लागो रे
भगती रे माई देखो
माला रे माई देखो
भजना रे माई रे हो ओ
हा रे मनडो माला रे माई ओ राम
कोई योग प्रणायम शास्त्र जीवन
मन धरीया ओ राम
अष्ट सिद्धी नव निद्धि रे
हाजरी भरे है देखो
ऊबी सेवा रे माई कुण्डली जगाई रे हो ओ
हा रे संता भगती कमाई हो राम
अब दूर दूर मे किरत फैली माई हो राम।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818
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