जय बोलो आई माता री कथा द्वितीय भाग - MadhurBhajans मधुर भजन










जय बोलो आई माता री कथा द्वितीय भाग
नारलाई मे आयी भवानी
गुफा प्रकट किनी आय
जय बोलो आई मात री
अखण्ड ज्योति जगाई माता
नारलाई गुफा रे माय
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


डायलाणा मे आया माताजी
हलीयो खडता चार किसान
जय बोलो आई मात री
किसाना सु बोली माता
मन्ने पानी देवो पिलाय
जय बोलो आई मात री
अखरता पानी पिलायो अम्बे ने
अम्बे हर्षे मन रे माय
जय बोलो आई मात री
खेत में तो घणो तावडो
अम्बे ली भगतो री सहाय
जय बोलो आई मात री
हलीया रो माँ बडलो बनायो
करदी खेत में ठंडी छाव
जय बोलो आई मात री।।


भैसाणा में आयी भवानी
ग्वाल घमंड तो चूर अपार
जय बोलो आई मात री
ग्वालीया रो माँ घमंड उतारीयो
भैसो रा दिया पत्थर बनाय
जय बोलो आई मात री
माँ आशीष दिनी रायमलजी ने
मिलीयो तखत मेवाड़ी राज
जय बोलो आई मात री
सोजत मे माँ ननद भवानी
बढायो संतोषा रो पाठ
जय बोलो आई मात री
मोजडी धूल सु पाल बनाई
देदी माते पेतालीयावास
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।









अब तो भवानी आयी बिलाडे
पुचे है धरमी रो वास
जय बोलो आई मात री
एक मानवी बोल्यो माता ने
जीवन सीरवी धरमी वास
जय बोलो आई मात री
गई जगदम्बा जीवन द्वारे
जीवन जीवन लगाई आवाज
जय बोलो आई मात री
जीवन दौडकर बारे आयो
माता ने किनो प्रणाम
जय बोलो आई मात री
जीवन बोल्यो सुनलो माता
अब चालो थे घर के माय
जय बोलो आई मात री।।


गई भवानी घर के माई
अब तो किनो है विश्राम
जय बोलो आई मात री
जीवन निर्धन जात सीरवी
खाने को नही अन्न घर माय
जय बोलो आई मात री
जीवन री औरत गई नगर में
लायी है थोडो धान उदार
जय बोलो आई मात री
धान लाय अब करी रसोई
पुरसी है थाली रे माय
जय बोलो आई मात री
छप्पन भोग थाली में बनगा
जीजी दिखाई माँ करामात
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


अब तो तीनो जीमन बैठा
रोवे औरत जीवन री आज
जय बोलो आई मात री
आंसू देख आईमाता बोल्या
कई दुख है तू मने बताय
जय बोलो आई मात री
मारो पुत्र माधु तो गमग्यो
वर्ष दुवा दस होग्या आज
जय बोलो आई मात री
आई माता बोली सुन बेटी
माधु आसी उगत प्रभात
जय बोलो आई मात री
रात पडी अब सारा सोगया
अम्बे लगायो अंतर्ध्यान
जय बोलो आई मात री।।


अम्बे हुकम लगायो देवा ने
माधव ने ले आवो जाय
जय बोलो आई मात री
प्रातःकाल भई क्रपत दिनी
माधव आयो घरे आज
जय बोलो आई मात री
माधव रे घर खुशीयाँ भई है
हर्ष रया दोनो नर नार
जय बोलो आई मात री
जीवन पत्नी माधव तीनो
जोडे है आईजी ने हाथ
जय बोलो आई मात री
अब तो नगर में खुशीयाँ छायी
चौदस होवे जय जय कार
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


विक्रम संवत १५२५
शुभ घडी आयी है आज
जय बोलो आई मात री
इन दिन अखण्ड ज्योति जगाई
बिलाड़ा अम्बे अपने हाथ
जय बोलो आई मात री
आई पंथ अनुयायी सीरवी
हर्षे सगला अपरम्पार
जय बोलो आई मात री
विक्रम संवत १५५७
माघ शुक्ल बीज ने छोको वार
जय बोलो आई मात री
इन दिन माता गोविन्द दासजी ने
पाठ बैठाकर धरप्या दिवान
जय बोलो आई मात री।।


विक्रम संवत १५६१
चैत्र सुदी बीज शनिवार
जय बोलो आई मात री
इन दिन माता बडेर मायने
ज्योति मे होया अंतर्ध्यान
जय बोलो आई मात री
सगला मिलकर बोलो भाया
जय अम्बे जगदम्बा मात
जय बोलो आई मात री।।


अरे प्रथम नियम झूठ मत बोलो
दूजो मद मांस छुडाई
तीजो धन पर ब्याज न लेनो
चौथो जुआ न खेलाई
पंचम मात पिता री सेवा
छठव अभ्यागत है देवा
पंचम मात पिता री सेवा
छठव अभ्यागत है देवा
सातवो नियम गुरु आज्ञा पाल
आठवो हित मार्ग चलाई
नव नियम परनारी माता
दसवो कन्या धर्म परणाई
स्वारथ काज न अकरम मगन गांठ
ग्यारह मार्ग चलायी
हाथ पुरूष ओर गले लुगाई
बांध बेल बोल जय आई
जय आई श्री अम्बे माई
देव दनुज यश गाई
बेल आईजी री बांधो भाई
नेम धरम गठ माई।।


चालो भगतो दर्शन करलो
सुन्दर बिलाड़ा आईजी रे धाम
जय बोलो आई मात री
वर्तमान में आई पंथ रा
माधव सिंह सा है दिवान
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


नगर बिलाडो अती पावन
लागे है वोतो स्वर्ग समान
जय बोलो आई मात री
केसर ज्योति जागे माता री
केसर पडरयो ज्योति रे माय
जय बोलो आई मात री।।


ए केसर ज्योति जागे सोवनी
ए केसर ज्योति जागे सोवनी
ए केसर पडे रे अपार
कोई पडे रे अपार
बिलाड़ा आई धाम पे
बिलाड़ा आई धाम पे।।


ए इन ज्योति मे आईजी प्रकटीया
ए इन ज्योति मे आईजी प्रकटीया
ए इन माई होया आलोप
कोई होया आलोप
बिलाड़ा आई धाम पे
बिलाड़ा आई धाम पे।।


ए भगत उबारन आईजी आवीया
ए भगत उबारन आईजी आवीया
ए आई पंथ धरप्यो आईमात
कोई धरप्यो आईमात
बिलाड़ा आई धाम पे
बिलाड़ा आई धाम पे।।


ए सीरवी कुल तारीयो अम्बे मावडी
ए सीरवी कुल तारीयो अम्बे मावडी
ए भगतो ने दिनो सत उपदेश
कोई दिनो सत उपदेश
बिलाड़ा आई धाम पे
बिलाड़ा आई धाम पे।।


ए नगर बिलाडो लागे सोवनो
ए नगर बिलाडो लागे सोवनो
ए दर्शन आवे नर नार
कोई नर ओर नार
बिलाड़ा आई धाम पे
बिलाड़ा आई धाम पे।।


ए लखन भगत गावे उपमा
ए लखन भगत गावे उपमा
आई सारे सब भगतो रा सगला काज
कोई सारे सगला काज
बिलाड़ा आई धाम पे
बिलाड़ा आई धाम पे।।


बाण गंगा बेवे नगर गोरवे
निर्मल जल सु करो स्नान
जय बोलो आई मात री
कल्पवृक्ष रा प्यारा दर्शन
राजा बली रो सुन्दर धाम
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


जीजीपाल मने मोहक लागे
रनियो बेरो स्वर्ग समान
जय बोलो आई मात री
जय माँ अम्बा जय जगदम्बा
करजो भगतो री थे सहाय
जय बोलो आई मात री
हेमलता ओर हेमराज ये
आई रे द्वारे जोडे हाथ
जय बोलो आई मात री
हरीश मिलन ओर मनीष मेहरा
ध्यावे अम्बे है दिन रात
जय बोलो आई मात री
लखन चौधरी गाँव बालासती
गायो है आईजी रो गुण गान
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।
नोट प्रथम भाग पिछली पोस्ट में।
प्रेषक मनीष सीरवी जी।
9640557818

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