जय बोलो आई मात री कथा प्रथम भाग - MadhurBhajans मधुर भजन










जय बोलो आई मात री प्रथम भाग
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर रा ठाकुर भीकाजी
डाबी रे कोनी संतान
जय बोलो आई मात री
ठाकुर भीकाजी शिव रा भगत था
हर पल जपता शिवरो जाप
जय बोलो आई मात री
नहीं संतान दुखी था मन मे
व्याकुल मन सु धरता ध्यान
जय बोलो आई मात री
दुनिया बांज्या के बतलावे
भीकाजी होवे दुखी मन माय
जय बोलो आई मात री
बार बार सुन बांज्या बांज्या
भीकाजी धर बैठा ध्यान
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


कठीन तपस्या करी भीकाजी
शिव शक्ति प्रसन्न होय जाय
जय बोलो आई मात री
रात पडी भीकाजी सोया
शक्ति आयी स्वपन माय
जय बोलो आई मात री
शक्ति बोली सुनो भीकाजी
मैं ले सु थारे घर अवतार
जय बोलो आई मात री
सुबह सवेरे बाग मे जाईजो
मैं मिल सु फुलडा रे माय
जय बोलो आई मात री
मारी निशानी त्रिशूल मंडेला
भीकाजी थारे घर रे माय
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


इतरी वार्ता करके भवानी
अब तो हो गई अंतरध्यान
जय बोलो आई मात री
स्वर्गलोक मे बाजा बाजे
मधुर मधुर गावे नारद गान
जय बोलो आई मात री
सारा देवता भेला होया है
पुचे है शक्ति सु बात
जय बोलो आई मात री
मात भवानी भेद बतावो
क्यु जावो मृत्यु लोक के माय
जय बोलो आई मात री
बोली भवानी सुनलो देव सब
मैं लेवुली अब अवतार
जय बोलो आई मात री।।









मृत्यु लोक मे भक्त दुखी है
वारी तो मै लेसु सहार
जय बोलो आई मात री
इतरो कहे आलोप हुई देवी
प्रगट आ फूला रे माय
जय बोलो आई मात री
सुबह हुई भीकाजी जागीया
सपनो वाने आयो याद
जय बोलो आई मात री
दौड भीकाजी गया बाग में
ढुंढन लागा सगलो बाग
जय बोलो आई मात री
इतरे मे चिलकारी सुनली
दौड गया भीकाजी पास
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


फूल सरीकी कोमल कन्या
मिल गई है भीकाजी ने आज
जय बोलो आई मात री
चौदह सौ संवत बहत्तर
बीज भादवी शनिवार
जय बोलो आई मात री
उन दिन अम्बे अवतार लियो है
शुभ घड़ी शुभ नकतर माय
जय बोलो आई मात री
भीकाजी अब आया रावले
मन मे खुशीयां अती अपार
जय बोलो आई मात री
भीकाजी घर में आ देख्यो
त्रिशूल मंडीयो घर के माय
जय बोलो आई मात री।।


भीकाजी अब केवे रानी ने
शक्ति आयी अपने द्वार
जय बोलो आई मात री
इन लाडी कन्या लेवी गोद में
शिश चुमती रो सत्कार
जय बोलो आई मात री
भीकाजी अब पंडित बुलायो
कन्या रो नाम दरावन काज
जय बोलो आई मात री
पंडित आय देख्यो टिपनो
नकतर सगला लिया मिलाय
जय बोलो आई मात री
बोल्या पंडित सुनो भीकाजी
साची बताउ थाने बात
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


साधारण नही थारी कन्या
नकर बतावे है अवतार
जय बोलो आई मात री
धिन धिन भाग भीकाजी थोरा
शक्ति रा थे कहिजो बाप
जय बोलो आई मात री
जग में करसी उजालो कन्या
जीजी दरावो इन रो नाम
जय बोलो आई मात री
जीजी नाम धरीयो कन्या रो
घर में गूंजे मंगल गान
जय बोलो आई मात री
भीकाजी अब दान दक्षिणा
दिदी पंडित ने अपरम्पार
जय बोलो आई मात री।।


जीजी बाई बडा होया है
हर पल धरता शिव रो ध्यान
जय बोलो आई मात री
बालपना मे जीजी बाई
खूब दिखाया है चमत्कार
जय बोलो आई मात री
आंधा ने वे साजा करता
पग पग करता सब री सहाय
जय बोलो आई मात री
जीजी बाई बड़ा होया जद
खिलजी बादशाह ने पडगो ध्यान
जय बोलो आई मात री
मोहम्मद खिलजी हुकम लगायो
भीका ने लावो बुलवाय
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


बादशाह रा संग गया अम्बापुर
भीकाजी ने लाया बुलाय
जय बोलो आई मात री
बादशाह भीकाजी सु बोल्या
थारी कन्या संग करसु ब्याव
जय बोलो आई मात री
भीकाजी रे मन क्रोध उपजीयो
पन वे धीरज धरीयो आज
जय बोलो आई मात री
बोल्या भीकाजी सुनो बादशाह
पुचु मे जीजी ने जाय
जय बोलो आई मात री
भीकाजी आया अपने घर में
एक तरफ बैठा उदास
जय बोलो आई मात री।।


जीजी बाई पुच्यो पिता ने
कुनसी विपदा आ गई आज
जय बोलो आई मात री
चाँद सरीको थारो मुखडो
क्यु फुलमायो बाबूल आज
जय बोलो आई मात री
भीकाजी अब सगली वार्ता
जीजी ने दिनी बतलाय
जय बोलो आई मात री
जीजी बाई बोल्या पिता सु
आ तो छोटी सी है बात
जय बोलो आई मात री
जोवो पिताजी भरो हुकारो
मै करसु खिलजी संग ब्याव
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


भीकाजी गया खिलजी ताई
बोल्या बादशाह सुनलो बात
जय बोलो आई मात री मारी
म्हारी कन्या जीजी बाई
करसी थारे संग मे ब्याव
जय बोलो आई मात री
बादशाह अब बिंद बनगा
लेकर आया है बारात
जय बोलो आई मात री
इतरा बाराती देख भीकाजी
डर रया है अपने मन माय
जय बोलो आई मात री
जीजी बाई बोल्या पिता सु
चिंता छोडो बाबूल आप
जय बोलो आई मात री।।


जीजी बाई कहे पिता सु
मारे कुटीया देवो बनाय
जय बोलो आई मात री
जीजी बाई रे कुटीया बनाई
गाँव गोरवे घोचर माय
जय बोलो आई मात री
जीजी बाई गया कुटीया मे
बैठा है लगाकर ध्यान
जय बोलो आई मात री
सारा बाराती रे हुई व्यवस्था
तंबु तनीयो अपने आप
जय बोलो आई मात री
भांत भांत रा जीमन बनगा
जीमलीया बाराती आज
जय बोलो आई मात री
अम्बापुर अवतार लियो माँ
बिलाड़ा आ कियो निवास
जय बोलो आई मात री।।


इतरी शोभा सुनके बादशाह
वेश धरीयो साधु रो आज
जय बोलो आई मात री
गयो बादशाह कुटीया ताई
झाकीयो कुटीया रे वे माय
जय बोलो आई मात री
सिंह सवारी करके बैठी
शक्ति माँ कुटीया रे माय
जय बोलो आई मात री
अब तो बादशाह धुंजन लागो
डर रयो अपने मन माय
जय बोलो आई मात री
शक्ति आयी कुटीया सु बारे
बोली तू करसी मासु ब्याव
जय बोलो आई मात री।।


हा बादशाह चरनों मे पडगो
बोल्यो माता करदो माफ
जय बोलो आई मात री
अती दयालु अम्बे माता
बादशाह ने किनो माफ
जय बोलो आई मात री
अब तो भवानी वृद्ध रूप धर
अम्बापुर सु चाल्या आज
जय बोलो आई मात री।।


थेतो अम्बापुर सु चाल्या जीजी माता
थेतो बेलीया ने लिनो साथ
मोरी माँ आईजी
थेतो बूढीया रो रूप बनायो जीजी माता
माँ चाल्या धरम रे काज
मोरी माँ आईजी।।


थेतो भगत परखवा चाल्या जीजी माता
माँ करी भगतो री सहाय
मोरी माँ आईजी
थेतो इन कलयुग मे आया जीजी माता
माँ भक्ति रो जगायो भाव
मोरी माँ आईजी आईजी।।
नोट द्वितीय भाग अगली पोस्ट में।
प्रेषक मनीष सीरवी जी।
9640557818










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