जर्रे जर्रे में हैं झांकी भगवान की भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जर्रे जर्रे में हैं झांकी भगवान की
किसी सूझ वाली आँख ने पहचान की।।


नामदेव ने पकाई
रोटी कुत्ते ने उठाई
पीछे घी का कटोरा लिए जा रहे
बोले रुखी तो ना खाओ
स्वामी घी तो लगाओ
रूप अपना क्यूँ मुझसे छुपा रहे
तेरा मेरा एक नूर
फिर काहे को हजूर
तुने शकल बनाई यह श्वान की
मुझे ओढ़नी ओढ़ा दी इंसान की
जर्रे जर्रे में हैं झाँकी भगवान की।।


निगाह मीरा की निराली
पी के ज़हर प्याली
ऐसा गिरिधर बसाया हर श्वास में
जब आया काला नाग
बोली धन्य मेरे भाग्य
आज प्रभु आये साँप के लिबास में
आओ आओ बलिहार
प्यारे कृष्ण मुरार
बड़ी कृपा है कृपानिधान की
बलिहारी हूँ मैं आप के एहसान की
जर्रे जर्रे में हैं झाँकी भगवान की।।


इसी तरह सूरदास
निगाह जिनकी थी ख़ास
ऐसा नैनो में नशा था हरी नाम का
नैन हुए जब बंद
तब मिला वो आनंद
देखा अजब नजारा भगवान का
हर जगह वो समाया
सारे जग को बताया
आई आँखों में रोशनी थी ज्ञान की
देखि झूम झूम झांकी भगवान की
जर्रे जर्रे में हैं झाँकी भगवान की।।









गुरु नानक कबीर
सही जिनकी थी नजीर
देखा पत्ते पत्ते में निरंकार को
नज़दीक और दूर
वो ही हाज़र हजूर
यही सार समझाया संसार को
ये जहान शहर गाँव
और जंगल बियावान
मेहरबानियां हैं उस मेहरबान की
सारी चीज़ें हैं एक ही दूकान की
जर्रे जर्रे में हैं झाँकी भगवान की।।


जर्रे जर्रे में हैं झांकी भगवान की
किसी सूझ वाली आँख ने पहचान की।।





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jarre jarre mein hai jhanki bhagwan ki lyrics