जाने कितनो की किस्मत वहां जाके संवरी है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जाने कितनो की किस्मत
वहां जाके संवरी है
तिहुँ लोक में कोई और नहीं
मेरे बाबा की खाटू नगरी है।।
तर्ज जिसे देख मेरा दिल धड़का।
जबसे मैं खाटू जाने लगा
बदली है मेरी ये ज़िन्दगी
बाबा ने अपनी शरण में लिया
चरणों की मुझको मिली बंदगी
उलझन हो चाहे जैसी
यहाँ आके सुलझी है
तिहुँ लोक में कोई और नहीं
मेरे बाबा की खाटू नगरी है।।
खाटू की भूमि पावन बड़ी
करती है सारी सृष्टि नमन
बाबा का दर्शन पाने से
पावन हो जाता तन और मन
कुछ बात खाटू जी में
सारी दुनिया उमड़ी है
तिहुँ लोक में कोई और नहीं
मेरे बाबा की खाटू नगरी है।।
जिसका सहारा कोई नहीं
पग पग पे जिसके दुश्मन खड़े
बेबस बेचारे मजबूर जो
उनकी लड़ाई बाबा लाडे
मोहित भक्तों की बगिया
यहाँ खुशियों से निखरी है
तिहुँ लोक में कोई और नहीं
मेरे बाबा की खाटू नगरी है।।
जाने कितनो की किस्मत
वहां जाके संवरी है
तिहुँ लोक में कोई और नहीं
मेरे बाबा की खाटू नगरी है।।
jane kitno ki kismat vahan jake sanvari hai lyrics