जमे पधारो धणी रोमा देसी वीणा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जमे पधारो धणी रोमा
ककू केसर री गार निपाऊ
मोतियों रो सोक पुराउ
पीले पोनो री जाजम ढलाऊ
जीण पर आचण पूरो
दुर्बल होने करू विणती
पाठ पधारो धणी पीरो
दुर्बल होने करू विणती
जमे पधारो धणी रोमा।।
गेहूं रे मगाऊ रामा कातिया
झीणो पिवाऊ थोरे मेदो
घिरत खोड में मैदो रलाऊ
चोखो रंधाऊ थोरे सिरो
दुर्बल होने करू विणती
पाठ पधारो धणी पिरो
दुर्बल होने करू विणती
जमे पधारो धणी रोमा।।
ऊंची मेड़ी अधर झरुखा
जीण पर आचण पुरो
सिरख पथरणा ढालु ढोलियो
जीण पर मालिक सुइरो
दुर्बल होने करू विणती
पाठ पधारो धणी पिरो
दुर्बल होने करू विणती
जमे पधारो धणी रोमा।।
गुरु उग्मदे पूरा मिलिए
मार्ग बताया झीणा
दोई कर जोड़ रत्नसिंग बोले
चरणों में राखो पीरो
दुर्बल होने करू विणती
पाठ पधारो धणी पिरो
दुर्बल होने करू विणती
जमे पधारो धणी रोमा।।
ककू केसर री गार निपाऊ
मोतियों रो सोक पुराउ
पीले पोनो री जाजम ढलाऊ
जीण पर आचण पूरो
दुर्बल होने करू विणती
पाठ पधारो धणी पीरो
दुर्बल होने करू विणती
जमे पधारो धणी रोमा
जमे पधारो धणी रोमा।।
प्रेषक बींजाराम पन्नू माडपुरा।
jame padharo dhani roma lyrics