जैसे जैसे दर पे तेरे झुकता चला गया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जैसे जैसे दर पे तेरे
झुकता चला गया
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा
उठता चला गया
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
तर्ज तेरा मेरा सांवरे ऐसा नाता।
देर से समझा तुझको मैं
प्रभु ये भूल हुई मेरी
सांवरे माथे पे अब तो धूल तेरी है
जैसे जैसे भजनो में मैं
रमता चला गया
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा
उठता चला गया
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
मैं तो मानु मेरी चिंता
है हरदम तू ही तो करता
मांगने से पहले मेरी
श्याम तू झोली है भरता
जैसे जैसे हारे के संग
चलता चला गया
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा
उठता चला गया
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
जब भी कोई संकट आया
तुझे हाजिर मैंने पाया
हर्ष जीवन की खुशियों में
तुझे शामिल मैंने पाया
जैसे जैसे श्री चरणों में
गिरता चला गया
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा
उठता चला गया
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
जैसे जैसे दर पे तेरे
झुकता चला गया
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा
उठता चला गया
जैसे जैसे दर पे तेरें।।
jaise jaise dar pe tere jhukta chala gaya lyrics