जहाँ बरसाना है वही बस जाना है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जहाँ बरसाना है वही बस जाना है
जाना नही है कही और
जहा श्री राधा है प्रेम अगाधा है
वही पे मिलेंगे चितचोर।।
तर्ज हम तुम चोरी से बंधे इक डोरी से
इक इक पोड़ी तेरी महलन की मैं धोऊंगी
चवर ढुलाई देना सारी रैन ना मैं सोऊंगी
जप जप राधे नाम से होगी जीवन की भोर
जहाँ बरसाना है वही बस जाना है
जाना नही है कही और
जहा श्री राधा है प्रेम अगाधा है
वही पे मिलेंगे चितचोर।।
प्यारी सी नगरी को तन मन से रोज बुहारूँगी
थक जाउंगी जब राधे वह बैठ के तुम्हे पुकारूंगी
दासन की में दास हु करना किरपा की कोर
जहाँ बरसाना है वही बस जाना है
जाना नही है कही और
जहा श्री राधा है प्रेम अगाधा है
वही पे मिलेंगे चितचोर।।
खुश होकर राधाजी मोहे चरणन से लिपटायेगी
चरण कमल की सेवा मुझे सहज में ही मिल जाएगी
मस्त रहूँगा में नाम में जग लाख मचाये शोर
जहाँ बरसाना है वही बस जाना है
जाना नही है कही और
जहा श्री राधा है प्रेम अगाधा है
वही पे मिलेंगे चितचोर।।
jaha barsana hai lyrics