जागो रे बस्ती रा लोगो राम भजन में लागो रे प्रभाती भजन लिरिक्स - Bhajan Diary










जागो रे बस्ती रा लोगो
राम भजन में लागो रे।
दोहा उधम किया कछु नहीं मिले
मिले पुरबला भाग
उधम कीनो ऊंदरा
आगे कालो नाग।
कापे उंदर कंडियो
तो साँप उंदर ने खाय
उधम तो अवले गयो
तो धारियों हरि को ध्यान।
बादशाह री सेज बणी
पतरना पाट का
हीरा जड़िया हैं जड़ाव
पाया हैं ठाठ का।
हुरमा खड़ी हैं हुजूर
करत ये बन्दगी
अरे हां बाजिन्द बिन भजिया भगवान
पड़ेला गंदगी।
बंकर किला बणाय
कर तोपां साजिया
ऊपर मुग़ल द्वार के
पेही ताजिया।
नित पंथ आगे आय
नाचन्ति नायका
अरे हां बाजिन्द उसको ले गये उखाड़
दूत बन राय का।


राम भजन में लागो रे
थे राम भजन में लागो रे
जागो रे बस्ती रा लोगो
राम भजन में लागो रे
जागो रे बस्ती रा लोगों ओ ओ ओ
आलस निंद्रा और उबासी
इण ने जल्दी त्यागो रे
होय हुशियार हरि ने भजलो
छोड़ो मन रो ठागो रे
जागो रे बस्ती रा लोगों
राम भजन में लागो रे।।


जम सिराणे आय खड़ो हैं
भाग सको तो भागो रे
फाँसी देकर प्राण निकाले
दे छाती पर गोडो रे
जागो रे बस्ती रा लोगों
राम भजन में लागो रे।।









मात पिता तिरिया सुत बंधव
सब स्वार्थ रो सागो रे
अंत समय में तू जासी अकेलो
कुटुम्ब रेवेलो आगो रे
जागो रे बस्ती रा लोगों
राम भजन में लागो रे।।


धन दौलत रा भरिया खजाना
किण रो नहीं हैं थागो रे
छिन में छोड़ जावेला प्राणी
संग चले ना धागों रे
जागो रे बस्ती रा लोगों
राम भजन में लागो रे।।


तन मन धन रो मोह छोड़ कर
हरि रे चरण में लागो रे
गोपेश्वर अवसर भले रो
भरम वासना त्यागो रे
जागो रे बस्ती रा लोगों
राम भजन में लागो रे।।


राम भजन में लागो रे
थे राम भजन में लागो रे
जागो रे बस्ती रा लोगो
राम भजन में लागो रे
जागो रे बस्ती रा लोगों ओ ओ ओ
आलस निंद्रा और उबासी
इण ने जल्दी त्यागो रे
होय हुशियार हरि ने भजलो
छोड़ो मन रो ठागो रे
जागो रे बस्ती रा लोगों
राम भजन में लागो रे।।
गायक ओम वैष्णव जी।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










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