जग का करतार वो सब का भरतार वो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जग का करतार वो
सब का भरतार वो
तू उसे भूल जाने की
कोशिश ना कर
रात सोते हुए
सुबह होते हुए
मन सदा याद रखने
की कोशिश तो कर
जग का करतार वों
सब का भरतार वो।।
तर्ज मैं तेरे इश्क़ में।
वो ही निर्माण करता जहाँ का
प्रभु अजब कारीगर है यहाँ का
दिल में अचरज हुआ ये जानकर
अन्न दाता है वो
जग विधाता है वो
तू उसे भूल जाने की
कोशिश ना कर
जग का करतार वों
सब का भरतार वो
तू उसे भूल जाने की
कोशिश ना कर।।
कुछ तो अहसास कर तू ऐ राही
चार दिन जिंदगी अंत जाहि
करले तू अब भजन
मिला मानव का तन
जो भी आए यहाँ
वो गए है वहां
तू गलत राह जाने की
कोशिश ना कर
जग का करतार वों
सब का भरतार वो
तू उसे भूल जाने की
कोशिश ना कर।।
जग का करतार वो
सब का भरतार वो
तू उसे भूल जाने की
कोशिश ना कर
रात सोते हुए
सुबह होते हुए
मन सदा याद रखने
की कोशिश तो कर
जग का करतार वों
सब का भरतार वो।।
गायक संगीत पांडेय प्रयागराज।
jag ka kartar vo sabka bhartar vo lyrics