जग जननी दया करके मेरे घर भी आ जाना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना
पावन घर आँगन को
हे मात बना जाना
जग जननी दया करकें
मेरे घर भी आ जाना।।
तर्ज होंठों से छु लो।
युग युग से तरस रहे
नैना तेरे दर्शन को
बैठा हूँ बिछाए हुए
तेरी राह में पलकन को
इन व्याकुल नैनो की
माँ प्यास बुझा जाना
जग जननी दया करकें
मेरे घर भी आ जाना।।
एक बार तो मौका दो
तेरे चरण पखारूँ मैं
तेरे नूरी मुखड़े को
जी भर के निहारूं मैं
दो पल ही सही मुझको
एक झलक दिखा जाना
जग जननी दया करकें
मेरे घर भी आ जाना।।
अच्छा हूँ बुरा हूँ मैं
जो भी हूँ तुम्हारा हूँ
मुझको भी सहारा दो
माँ मैं बेसहारा हूँ
भटका हुआ रही हूँ
मुझे राह दिखा जाना
जग जननी दया करकें
मेरे घर भी आ जाना।।
कहते है तेरे दिल में
ममता का सागर है
इस दास की आखिर क्यों
खाली माँ गागर है
दो बून्द माँ ममता की
मुझको भी पिला जाना
जग जननी दया करकें
मेरे घर भी आ जाना।।
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना
पावन घर आँगन को
हे मात बना जाना
जग जननी दया करकें
मेरे घर भी आ जाना।।
गायक राजू मेहरा जी।
jag janani daya kar ke mere ghar bhi aa jana lyrics