जबसे तेरी चौखट पे मैंने सर को झुकाया है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जबसे तेरी चौखट पे
मैंने सर को झुकाया है
मेरा मुरझाया जीवन
फिर से मुस्काया है
जबसे तेरी चौंखट पे
मैंने सर को झुकाया है।।
तर्ज एक आस तुम्हारी है।


मैं हार गया होता
तेरा साथ जो ना मिलता
ऐ कन्हैया
इस दुनिया ने हमको
क्या ना दिखाया
बदनाम करके
जगत में हंसाया
जब सबने ही अपना
हाथ छुड़ाया
तूने आकर गले से लगाया







मैं हार गया होता
तेरा साथ जो ना मिलता
मैं किसको सुना पाता
वो हाल मेरे दिल का
वो हाल मेरे दिल का
जबसे तूने मुझको
सीने से लगाया है
मेरा मुरझाया जीवन
फिर से मुस्काया है
जबसे तेरी चौंखट पे
मैंने सर को झुकाया है।।


जो दिल में बसते थे
दिल उसने तोड़ दिया
श्याम प्यारे
देखे है मैंने जग के नज़ारे
सब मतलब रिश्ते है
झूठे है सारे
लगाकर गले से
खंजर ही मारे
मैं जी रहा हूँ तेरे सहारे
जो दिल में बसते थे
दिल उसने तोड़ दिया
जो साथ में चलते थे
मुंह उन ने मोड़ लिया
जबसे तूने मुझको
सीने से लगाया है
मेरा मुरझाया जीवन
फिर से मुस्काया है
जबसे तेरी चौंखट पे
मैंने सर को झुकाया है।।


ना कोई तमन्ना थी
ना कोई सहारा था
ऐ कन्हैया
भरोसा किया था
जिस पर भी मैंने
उसने ही है मेरे
दिल को दुखाया
खा खा के ठोकर
समझा हूँ अब मैं
एक तू है अपना
जगत है पराया
ना कोई तमन्ना थी
ना कोई सहारा था
कोई पानी ना पूछे
ऐसा भी नज़ारा था
ऐसा भी नज़ारा था
किशोरी दास कहे जबसे
तूने अपना बनाया है


मेरा मुरझाया जीवन
फिर से मुस्काया है
जबसे तेरी चौंखट पे
मैंने सर को झुकाया है।।


जबसे तेरी चौखट पे
मैंने सर को झुकाया है
मेरा मुरझाया जीवन
फिर से मुस्काया है
जबसे तेरी चौंखट पे
मैंने सर को झुकाया है।।













jabse teri chokhat pe maine sar ko jhukaya hai lyrics