जब से पाया है कन्हैया आपका ये दर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जब से पाया है कन्हैया
आपका ये दर
तब से जग में जी रहा हूँ
मैं उठा के सर
जब से पाया है कन्हैंया
आपका ये दर।।
तर्ज तुम हमारे थे प्रभु जी।


इस जीवन के इक इक पल को
प्यार से तुमने संवारा
दुनिया भर का सुख मेरे बाबा
तुमने मुझ पर वारा
तेरे एहसा गिनने लगूँ तो
बीत जाए उमर
जब से पाया है कन्हैंया
आपका ये दर
तब से जग में जी रहा हूँ
मैं उठा के सर।।


तेरे नाम का अमृत प्याला
रोज ही मैं पीता हूँ
कल की चिंता अब नहीं रहती
आज में मैं जीता हूँ
उसे भला क्या चिंता खुद की
तुझपे जो निर्भर
जब से पाया है कन्हैंया
आपका ये दर
तब से जग में जी रहा हूँ
मैं उठा के सर।।









जब से तुमने थाम रखी है
सोनू की ये कलाई
आने से पहले लाख दफा ये
सोचती है कठिनाई
उस के दिल को कैसे डराए
जिस का तू दिलबर
जब से पाया है कन्हैंया
आपका ये दर
तब से जग में जी रहा हूँ
मैं उठा के सर।।


जब से पाया है कन्हैया
आपका ये दर
तब से जग में जी रहा हूँ
मैं उठा के सर
जब से पाया है कन्हैंया
आपका ये दर।।












jabse paya hai kanhaiya aapka ye dar lyrics