जबसे मिली है सांवरे तेरी ये नौकरी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जबसे मिली है सांवरे
तेरी ये नौकरी
आदत सी बन गई मेरी
तेरी ये चाकरी
जबसे मिली है साँवरे।।
तर्ज मिलती है जिंदगी में।
हर सुबह तेरे नाम से
शुरुआत मैं करूँ
बातें करूँ तो सांवरे
तेरी बात मैं करूँ
आँखों में बस गई तेरी
सूरत ये बावरी
आदत सी बन गई मेरी
तेरी ये चाकरी
जबसे मिली है साँवरे।।
तेरे नाम मैंने लिख दी है
अपनी ये ज़िन्दगी
किस्मत मेरी जो मिल गई
तेरी ये बंदगी
चाहत मेरी तू है पहली
तू ही है आखरी
आदत सी बन गई मेरी
तेरी ये चाकरी
जबसे मिली है साँवरे।।
ये रिश्ते प्यार के तेरे
मेरे यूँ ही रहे
हाथों को जोड़कर तेरा
कुंदन यही कहे
यूँ ही लगता मैं रहूं
तेरी ये हाजरी
आदत सी बन गई मेरी
तेरी ये चाकरी
जबसे मिली है साँवरे।।
जबसे मिली है सांवरे
तेरी ये नौकरी
आदत सी बन गई मेरी
तेरी ये चाकरी
जबसे मिली है साँवरे।।
jabse mili hai saware teri ye naukri lyrics