जब तेरी डोली निकाली जायेगी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जब तेरी डोली निकाली जायेगी
बिन मुहूरत के उठा ली जायेगी।।
तर्ज दिल के अरमा आंसुओ में।
उन हकीमों से कहो यों बोल कर
करते थे दावा किताबें खोल कर
यह दवा हरगिज न खाली जायेगी।।
जर सिकंदर का यही पे रह गया
मरते दम लुक़मान भी यों कह गया
यह घड़ी हरगिज न टाली जायेगी।।
क्यों गुलों पे हो रही बुलबुल निसार
है खड़ा माली वो पीछे होशियार
मारकर गोली गिरा ली जायेगी।।
होगा जब परलोक में तेरा हिसाब
कैसे मुकरोगे बता दो ऐ जनाब
जब बही तेरी निकाली जायेगी।।
जब तेरी डोली निकाली जायेगी
बिन मुहूरत के उठा ली जायेगी।।
jab teri doli nikali jayegi lyrics in hindi