जब से निहारा श्याम तुम्हे पलकों ने झपकना छोड़ दिया - MadhurBhajans मधुर भजन
जब से निहारा श्याम तुम्हे
पलकों ने झपकना छोड़ दिया
पलकों ने झपकना छोड़ दिया
जबसे बसाया दिल में तुम्हे
इस दिल ने तड़पना छोड़ दिया
पलकों ने झपकना छोड़ दिया।।
तर्ज जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए।
मैं तेरी तलाश में सांवरिया
हर दर दर पे मैं भटका हूँ
जग से हारा दुःख का मारा
मैं आज भवर में अटका हूँ
तेरा दामन जबसे थाम लिया
दुनिया में भटकना छोड़ दिया
पलकों ने झपकना छोड़ दिया।।
ना जाने कहाँ तू खोया था
जो आज मुझे तू आके मिला
तेरी रहमत से मालिक
मेरी बगिया का फूल खिला
युग युग से तरसते नैनो से
अश्को ने बरसाना छोड़ दिया
पलकों ने झपकना छोड़ दिया।।
तू हि नैया तू ही माझी
तू साहिल तू ही किनारा है
दीपू के मन का मीत तू ही
ये तन मन तुझपे वारा है
कैसा ये जादू तूने किया
इस दिल ने तरसना छोड़ दिया
पलकों ने झपकना छोड़ दिया।।
जब से निहारा श्याम तुम्हे
पलकों ने झपकना छोड़ दिया
पलकों ने झपकना छोड़ दिया
जबसे बसाया दिल में तुम्हे
इस दिल ने तड़पना छोड़ दिया
पलकों ने झपकना छोड़ दिया।।
jab se nihara shyam tumhe lyrics