जबसे निहारा रूप तुम्हारा लगता नहीं है प्यारा कोई लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जबसे निहारा रूप तुम्हारा
लगता नहीं है प्यारा कोई
कैसे बताए तुझको कन्हैया
मिलने को आँखे कितनी है रोई।।
तर्ज चाँद सी महबूबा हो मेरी कब।


सांवरिया तेरी सूरत पे
सूरज चंदा भी बलिहारी
अंखियों से बरसता अम्रत है
मुस्कान पे सब दुनिया हारी
मुस्कान पे सब दुनिया हारी
इस दुनिया में श्याम से सुन्दर
हो सकता है कोई नहीं
कैसे बताए तुझको कन्हैया
मिलने को आँखे कितनी है रोई
जबसें निहारा रूप तुम्हारा
लगता नहीं है प्यारा कोई।।


मुरली की मधुरता से मोहन
मुरझाया मन भी खिल जाता
जो संग में तेरे खेले है
वैसा एक पल भी मिल जाता
वैसा एक पल भी मिल जाता
जन्मों से प्यासी इन अखियन को
मिल जाता ज्यूँ सागर कोई
कैसे बताए तुझको कन्हैया
मिलने को आँखे कितनी है रोई
जबसें निहारा रूप तुम्हारा
लगता नहीं है प्यारा कोई।।









तेरा ही सुमिरण हो जीवन
तेरा ही दर्शन पाए नयन
जब तक सांसो का साज बाजे
गूंजे तेरे नाम की सरगम
गूंजे तेरे नाम की सरगम
राजू की दुनिया से हो जब विदाई
सपनों में तेरे हो खोई खोई
कैसे बताए तुझको कन्हैया
मिलने को आँखे कितनी है रोई
जबसें निहारा रूप तुम्हारा
लगता नहीं है प्यारा कोई।।


जबसे निहारा रूप तुम्हारा
लगता नहीं है प्यारा कोई
कैसे बताए तुझको कन्हैया
मिलने को आँखे कितनी है रोई।।













jab se nihara roop tumhara bhajan lyrics