जब कोई तकलीफ सताये भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जब कोई तकलीफ सताये
जब जब मन घबराता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया
सर पे हाथ फिराता है।।
तर्ज राम नाम के हिरे मोती।
लोग ये समझे मैं हूँ अकेला
मेरे साथ कन्हैया है
लोग ये समझे डूब रहा मैं
चल रही मेरी नैया है
जब जब लहरें आती है
ये खुद पतवार चलाता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया
सर पे हाथ फिराता है।।
जिनके आसूं कोई ना पोछें
कोई ना जिनसे प्यार करे
जिनके साथ ये दुनिया वाले
मतलब का व्यवहार करे
दुनियां जिसको ठुकराये
उसे ये पलकों पे बिठाता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया
सर पे हाथ फिराता है।।
प्रेम की डोर बंधी प्रीतम से
जैसे दीपक बाती है
कदम कदम पर रक्षा करता
ये सुख दुःख का साथी है
संजू जब रस्ता नहीं सूझे
प्रेम का दीप जलाता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया
सर पे हाथ फिराता है।।
जब कोई तकलीफ सताये
जब जब मन घबराता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया
सर पे हाथ फिराता है।।
jab koi taklif sataye bhajan lyrics