जब जब चाहा मैंने जितना श्याम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जब जब चाहा मैंने जितना
तब तब पाया तुमसे उतना
प्रेमियों का दिल तू दुखाता नहीं
प्रेमियों का दिल तू दुखाता नहीं
तेरे जैसा और कोई दाता नहीं।।
तर्ज मांगने की आदत जाती नहीं।
तुमसे चलती मेरी नैया
तेरा दिया मैं खाता हूँ
और की क्या बतलाऊँ मैं
खुद की ही बात बताता हूँ
प्रेमियों को भूखा तू सुलाता नहीं
प्रेमियों को भूखा तू सुलाता नहीं
तेरे जैसा और कोई दाता नहीं।।
दिल में तेरे टिस उठे तो
मनवा तेरा रोता है
मुझको जो कांटा लग जाए
दर्द तुम्हे भी होता है
प्रेमियों को श्याम तू रुलाता नहीं
प्रेमियों को श्याम तू रुलाता नहीं
तेरे जैसा और कोई दाता नहीं।।
जब तू मेरे साथ है कान्हा
दुनिया से फिर डरना क्या
हर्ष कहे सब तू करता है
और मुझे अब करना क्या
मांगने कही पे भी मैं जाता नहीं
मांगने कही पे भी मैं जाता नहीं
तेरे जैसा और कोई दाता नहीं।।
जब जब चाहा मैंने जितना
तब तब पाया तुमसे उतना
प्रेमियों का दिल तू दुखाता नहीं
प्रेमियों का दिल तू दुखाता नहीं
तेरे जैसा और कोई दाता नहीं।।
गायक सौरभ मधुकर जी।
jab jab chaha maine jitna bhajan lyrics