जब जब आता हूँ साँवरिया मैं तेरे दरबार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जब जब आता हूँ
साँवरिया मैं तेरे दरबार
कभी नैनों में खो जाऊँ
कभी भजनों में खो जाऊँ
भूलू दरकार
जब जब आता हूं
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।
तर्ज किस्मत वालों को।


माँगना क्या है सोच के आता हूँ
पर्चे पर भी लिख के लाता हूँ
दर्शन होते बाबा जब तेरे
सुध बुध अपनी भूल मैं जाता हूँ
सोचा जो भूल गया मैं
लिखा जो पढ़ न सका मैं
बाबा हर बार
जब जब आता हूं
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।


दयोड़ी पर मैं जब तेरी चढ़ता
दिल मेरा खुशियों से ये भरता
मिलकर तुमको सब बतलाऊँगा
अपने दिल का हाल सुनाऊँगा
न जाने क्या हो जाता
मैं तुझमें ही खो जाता
मेरे सरकार
जब जब आता हूं
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।









तुमसे बिछुड़कर याद मुझे आया
भूल गया जो माँगने था आया
कहता कमल पर अंतर्यामी तू
बिन बोले तुझे समझ सभी आया
सोचा जो वो ही दिया है
उससे ही ज्यादा दिया है
मुझको दातार
जब जब आता हूं
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।


जब जब आता हूँ
साँवरिया मैं तेरे दरबार
कभी नैनों में खो जाऊँ
कभी भजनों में खो जाऊँ
भूलू दरकार
जब जब आता हूं
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।
गायक प्रदीप गुप्तापुष्प
रचियता राघव गुप्ताकमल
प्रेषक अनमोल गुप्ता
8800806260










jab jab aata hu sawariya main tere darbar lyrics