जब होवे सच्चा प्यार क्यों ना मिले कन्हैया लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जब होवे सच्चा प्यार
क्यों ना मिले कन्हैया
जब मिले तार से तार
क्यों ना मिले कन्हैया।।


चंचल मन को तू समझा ले
हरि चरणों में प्रीत लगा ले
तू मन से तज अहंकार
क्यों ना मिले कन्हैया।।


पिता ने जब प्रहलाद सताया
अपने प्रभु का ध्यान लगाया
नरसिंह लिया अवतार
क्यों ना मिले कन्हैया।।


दुर्योधन ने जाल बिछाया
अर्जुन कृष्ण की शरण में आया
बने सारथी कृष्ण मुरार
क्यों ना मिले कन्हैया।।









जो तू भजन करे दिन राति
श्याम सुन्दर तेरा बन जाए साथी
तू शरण तो आ इक बार
क्यों ना मिले कन्हैया।।


जब होवे सच्चा प्यार
क्यों ना मिले कन्हैया
जब मिले तार से तार
क्यों ना मिले कन्हैया।।
स्वर बाबा श्री चित्र विचित्र जी महाराज।










jab hove sacha pyar kyun na mile kanhaiya lyrics