जब दिन गर्दिश के थे ना कोई पूछने वाला था लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जब दिन गर्दिश के थे
ना कोई पूछने वाला था
उस वक्त मुझे बाबा
तूने ही संभाला था
जब दिन गर्दिंश के थे
ना कोई पूछने वाला था।।


तर्ज बचपन की मोहब्बत को।


दाने दाने के लिए
मैं गुहार लगाता था
कोई साथ तो दो मेरा
मैं पुकारा लगाता था
भूखे ही सोते थे
ना पास निवाला वाला था
उस वक्त मुझे बाबा
तूने ही संभाला था
जब दिन गर्दिंश के थे
ना कोई पूछने वाला था।।


मैं भूला नहीं कुछ भी
सब कुछ है याद मुझे
अपनो ने छोड़ा था
करके बर्बाद मुझे
मेरी लाज को जब जग ने
सरे आम उछाला था
उस वक्त मुझे बाबा
तूने ही संभाला था
जब दिन गर्दिंश के थे
ना कोई पूछने वाला था।।


मेरी मजबूरी का
सब लाभ उठाते थे
मुझे अपने इशारों पे
ये खूब नचाते थे
सबने मुझसे अपना
बस काम निकाला था
उस वक्त मुझे बाबा
तूने ही संभाला था
जब दिन गर्दिंश के थे
ना कोई पूछने वाला था।।









जिन्हें सोचता था मैं खरा
वो असल में खोटे थे
झूठी हमदर्दी के
चेहरों पे मुखोटे थे
हर अपने ने माधव
मुश्किल में डाला था
उस वक्त मुझे बाबा
तूने ही संभाला था
जब दिन गर्दिंश के थे
ना कोई पूछने वाला था।।


जब दिन गर्दिश के थे
ना कोई पूछने वाला था
उस वक्त मुझे बाबा
तूने ही संभाला था
जब दिन गर्दिंश के थे
ना कोई पूछने वाला था।।
स्वर लेखन अभिषेक शर्मा माधव।
प्रेषक श्याम 9899162568










jab din gardish ke the lyrics