जब भी विपदा आई मैंने श्याम को याद किया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जब भी विपदा आई मैंने
श्याम को याद किया
खाटू वाले श्याम का ही बस
मुख से नाम लिया
दीनदयालु के होते भी
जब मन था घबराया
देख मेरी व्याकुलता को
बाबा भी रुक ना पाया
वो लिले चढ़ आया
वो लिले चढ़ आया
श्याम ना रुक पाया
वो लिले चढ़ आया।।
तर्ज उड़ जा काले कावा।
ठोकर जितनी खाई मैंने
अपने जीवन में
हँसता था बाहर से पर मैं
रोता था मन में
मेरे मन की पीड़ा को
जब कोई पढ़ ना पाया
देख मेरी व्याकुलता को
बाबा भी रुक ना पाया
वो लिले चढ़ आया
वो लिले चढ़ आया
श्याम ना रुक पाया
वो लिले चढ़ आया।।
कलयुग के अवतारी बाबा
भी ये कहते है
कर्मो के कारण मेरे प्रेमी
दुःख सहते है
अपनी करनी पर मायूसी
में था जब पछताया
देख मेरी व्याकुलता को
बाबा भी रुक ना पाया
वो लिले चढ़ आया
वो लिले चढ़ आया
श्याम ना रुक पाया
वो लिले चढ़ आया।।
जिम्मेदारी थी मुझ पर
परिवार चलाने की
लेकिन क्या थी लाचारी
हिम्मत ना बताने की
हारे नैनो में प्रकाश के
जब कतरा बह आया
देख मेरी व्याकुलता को
बाबा भी रुक ना पाया
वो लिले चढ़ आया
वो लिले चढ़ आया
श्याम ना रुक पाया
वो लिले चढ़ आया।।
जब भी विपदा आई मैंने
श्याम को याद किया
खाटू वाले श्याम का ही बस
मुख से नाम लिया
दीनदयालु के होते भी
जब मन था घबराया
देख मेरी व्याकुलता को
बाबा भी रुक ना पाया
वो लिले चढ़ आया
वो लिले चढ़ आया
श्याम ना रुक पाया
वो लिले चढ़ आया।।
jab bhi vipda aayi maine shyam ko yaad kiya lyrics