जा पहुँचे लंका नगरी में सागर लांघ के लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जा पहुँचे लंका नगरी में
सागर लांघ के
सियाराम की जय जय बोले
हनुमत सीना तान के।।


माता के चरणों में जाकर
बोले जय श्री राम
श्री राम का दास हूँ मैया
हनुमत मेरो नाम
अजर अमर का वर दे डाला
सेवक जान के
सियाराम की जय जय बोले
हनुमत सीना तान के।।


दानव सारे डरकर भाग गए
रावण के पास
अक्षय को तो मार गिराया
आया मेघनाथ
ब्रह्म बाण में फस गए हनुमत
अपना जान के
सियाराम की जय जय बोले
हनुमत सीना तान के।।


रावण ने पूछा कपिवर से
कहाँ से वानर आया
राम चरण सेवक हूँ राधे
बजरंग ने बतलाया
रावण तू क्यूँ आँख दिखाए
मुझको बांध के
सियाराम की जय जय बोले
हनुमत सीना तान के।।









रावण ने फिर क्रोध में आके
पूँछ में आग लगा दी
हनुमत ने फिर घूम घूम कर
सारी लंका जला दी
नाच कूदते पहुँचे हनुमत
सम्मुख राम के
सियाराम की जय जय बोले
हनुमत सीना तान के।।


जा पहुँचे लंका नगरी में
सागर लांघ के
सियाराम की जय जय बोले
हनुमत सीना तान के।।


7506071753










ja pahuche lanka nagri me sagar langh ke lyrics