इतनी शौहरत ना दे कहीं बहक ना मैं जाऊँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










इतनी शौहरत ना दे
कहीं बहक ना मैं जाऊँ
चाहता हूँ तेरी चौखट
कुछ और ना मैं चाहूँ।।
तर्ज दिलदार कन्हैया ने।
तर्ज बचपन की मोहब्बत को।


फूलों के ये हार प्रभु
अभिमान न बन जाए
खुशबु से अत्तर की कहीं
मन ना ये बहक जाए
ये मन बड़ा चंचल है
कहीं इनमें न फँस जाऊँ
चाहता हूँ तेरी चौखट
कुछ और ना मैं चाहूँ।।


काबिल ही नहीं जिसके
हमें वो सम्मान दिया
पहचान हैं दी अपनी
जग में भी नाम किया
रहे इतनी कृपा मुझ पर
सदा प्यार तेरा पाऊँ
चाहता हूँ तेरी चौखट
कुछ और ना मैं चाहूँ।।









कहता है कमल मुझको
इतना ही प्रभु देना
कुछ माँगा नहीं ज्यादा
चरणों में जगह देना
जब तक है मेरी साँसे
तेरा ही गुण गाऊँ
चाहता हूँ तेरी चौखट
कुछ और ना मैं चाहूँ।।


इतनी शौहरत ना दे
कहीं बहक ना मैं जाऊँ
चाहता हूँ तेरी चौखट
कुछ और ना मैं चाहूँ।।
गायक मुकेश बागड़ा।
रचियता राघव गुप्ताकमल
प्रेषक अनमोल गुप्ता
8800806260










itni shohrat na de kahi bahak na main jaun lyrics