इतनी किरपा करना तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
इतनी किरपा करना
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ
मैं तेरी बदौलत हूँ
ये बात नहीं भूलूँ।।
तर्ज होंठों से छू लो।
खुशियों के उजाले में
सब साथ निभाते है
जब रात हो गम की तो
कोई नज़र ना आते है
उस वक़्त दिया तुमने
मेरा साथ नहीं भूलूँ
इतनी किरपां करना
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ।।
कितने ही अपनों से
तुमने मिलवाया है
नफरत के पुतले को
प्रभु प्रेम सिखाया है
जो तुमसे भरे दिल में
जज़्बात नहीं भूलूँ
इतनी किरपां करना
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ।।
अपनों को भीड़ में जब
तन्हाई ने घेरा था
कहने को थे सब अपने
पर कोई ना मेरा था
तुमने ही रखा उस पल
सर पे हाथ नहीं भूलूँ
इतनी किरपां करना
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ।।
बेकार था बेबस था
गुमनाम जहाँ में था
सोनू मुझे याद रहे
था कौन कहाँ मैं था
कितना ही नाम मिले
औकात नहीं भूलूँ
इतनी किरपां करना
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ।।
इतनी किरपा करना
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ
मैं तेरी बदौलत हूँ
ये बात नहीं भूलूँ।।
itni kirpa karna tumhe nath nahi bhulun lyrics