इतना सस्ता और ना सौदा दुनिया के बाजार में भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
इतना सस्ता और ना सौदा
दुनिया के बाजार में
तीन लोक का मालिक बिकता
बस थोड़े से प्यार में
तीन लोक का स्वामी बिकता
बस थोड़े से प्यार में।।
आंच ना आने दे भक्तो पे
सारे गम खुद ही पी ले
सर पे रखता हाथ कभी ना
होने दे नैना गिले
ऐसा दिन दयालु दाता
मिले नहीं संसार में
तीन लोक का मालिक बिकता
बस थोड़े से प्यार में
तीन लोक का स्वामी बिकता
बस थोड़े से प्यार में।।
आँखों में आंसू भर के
जब कोई इन्हें बुलाता है
इतना हल्का है आंसू की
बूंदों में बह आता है
शर्त यही है सच्चाई हो
उसकी करुण पुकार में
तीन लोक का मालिक बिकता
बस थोड़े से प्यार में
तीन लोक का स्वामी बिकता
बस थोड़े से प्यार में।।
जब भी कोई दर्द में भिगी
अपनी दशा सुनाता है
उसकी आहें सुनकर श्याम का
दिल घायल हो जाता है
हारे का बस एक सहारा
ना और कोई संसार में
तीन लोक का मालिक बिकता
बस थोड़े से प्यार में
तीन लोक का स्वामी बिकता
बस थोड़े से प्यार में।।
इतना सस्ता और ना सौदा
दुनिया के बाजार में
तीन लोक का मालिक बिकता
बस थोड़े से प्यार में
तीन लोक का स्वामी बिकता
बस थोड़े से प्यार में।।
स्वर शीतल पाण्डेय जी।
itna sasta aur na sauda duniya ke bazar me lyrics