इन लम्हो का उन लम्हो से भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










इन लम्हो का उन लम्हो से
नहीं है नहीं है नहीं है कोई मेल
कभी हँसते है कभी रोते है
कभी हँसते है कभी रोते है
यही है यही है यही है तेरा खेल
इन लम्हो का।।


खो ना जाऊँ भीड़ में मैं
थाम ले मुझे भी तू
मैं भी हूँ भरोसे तेरे
लगा ले गले से तू
मुँह ना मोड़ों कुछ तो बोलो
तुझको सब अर्पण है
इन लम्हों का उन लम्हो से
नहीं है नहीं है नहीं है कोई मेल
इन लम्हो का।।


हँसता ही आया हूँ मै
माया के इस जाल में
कुछ तो तरस भी खाओ
मेरे इस हाल पे
छोड़ के आऊ मै भी सब कुछ
तुझ से ये वंदन है
इन लम्हों का उन लम्हो से
नहीं है नहीं है नहीं है कोई मेल
इन लम्हो का।।


जो भी चाहा पाया मैने
ये तो मेरी हार है
दूरिया है अब ये कैसी
क्या तू भी लाचार है
साथ ना छोड़ो आस ना तोड़ो
तुझ पे सब निर्भर है
इन लम्हों का उन लम्हो से
नहीं है नहीं है नहीं है कोई मेल
इन लम्हो का।।









इन लम्हो का उन लम्हो से
नहीं है नहीं है नहीं है कोई मेल
कभी हँसते है कभी रोते है
कभी हँसते है कभी रोते है
यही है यही है यही है तेरा खेल
इन लम्हो का।।













in lamho ka un lamho se bhajan lyrics