इक झोली मे फूल भरे है इक झोली में कांटे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










इक झोली मे फूल भरे है
इक झोली में कांटे
कोई कारण होगा
अरे कोई कारण होगा
तेरे बस में कुछ भी नही
ये तो बाँटने वाला बांटे रे
कोई कारण होगा
अरे कोई कारण होगा।।


पहले बनती है तकदीरे
फिर बनते है शरीर
कोई राजा कोई भिखारी
कोई संत फ़क़ीर
कोई कारण होगा
अरे कोई कारण होगा।।


तन को बिस्तर मिल जाये
पर नींद को तरसे नैन
कांटो पर सोकर भी किसी के
मन को आये चैन
कोई कारण होगा
अरे कोई कारण होगा।।


मंदिरमस्जिद मैं जाकर भी
मिलता नही है ज्ञान
कभी मिले मिट्टी से मोती
पत्थर से भगवान
कोई कारण होगा
अरे कोई कारण होगा।।









सागर से भी बुझ ना पाए
कभी किसी की प्यास
कभी एक ही बून्द से हो जा
जाती है पूरण आस
कोई कारण होगा
अरे कोई कारण होगा।।


इक झोली मे फूल भरे है
इक झोली में कांटे
कोई कारण होगा
अरे कोई कारण होगा
तेरे बस में कुछ भी नही
ये तो बाँटने वाला बांटे रे
कोई कारण होगा
अरे कोई कारण होगा।।










ik jholi mein phool bhare hain bhajan lyrics in hindi