हमने ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
हमने ब्रज के ग्वाले से
अपना दिल लगाया है
नींद भी गवाई है
चैन भी गवाया है
हमनें ब्रज के ग्वाले से
अपना दिल लगाया है।।
दिल मेरा बेकाबू
हो जाता है उस पर
देखता है मेरी तरफ
और मुस्कुराता है
हमनें ब्रज के ग्वाले से
अपना दिल लगाया है।।
कई बार चाहा उसे
हाले दिल सुनाऊ मैं
होंठ मेरे खुल ना सके
सामने जो आया है
हमनें ब्रज के ग्वाले से
अपना दिल लगाया है।।
सब ये समझते है
वो बांसुरी बजाता है
पर उसने इशारों से
हमको बुलाया है
हमनें ब्रज के ग्वाले से
अपना दिल लगाया है।।
हमने ब्रज के ग्वाले से
अपना दिल लगाया है
नींद भी गवाई है
चैन भी गवाया है
हमनें ब्रज के ग्वाले से
अपना दिल लगाया है।।
स्वर श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज।
humne braj ke gwale se apna dil lagaya hai lyrics